भारत में लग्जरी कार बाजार में तेजी से विस्तार कर रही जर्मन कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज को उम्मीद है कि भारत जल्द ही मेबैक के लिए वैश्विक स्तर पर टॉप 5 बाजारों में शामिल हो सकता है। कंपनी ने उदयपुर में SL 680 मोनोग्राम मॉडल लॉन्च किया, जिसके साथ 2024 में भारत में मेबैक की बिक्री में 140 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

भारत में बढ़ी मेबैक की बिक्री

2024 में भारत में कुल 500 मेबैक यूनिट्स बेची गईं। इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे भारत में लग्जरी कारों की बढ़ती मांग और उपभोक्ताओं की शानदार लाइफस्टाइल की ओर रुझान मुख्य कारण रहे।

मर्सिडीज-मेबैक के प्रमुख डेनियल लेस्कोव ने कहा,
“भारत एक विकसित बाजार है जहां लक्जरी को लेकर गहरी समझ है। यह हमारी ब्रांड फिलॉसफी से मेल खाता है। हमें विश्वास है कि भारत में हमारी मौजूदगी और मजबूत होगी, जिससे यह मेबैक के लिए शीर्ष 5 बाजारों में शामिल हो सकता है। कुछ साल पहले हमने एक शो कार ‘विज़न 6’ पेश की थी, जो एक दो-सीटर मॉडल था और इसने काफी रुचि जगाई थी। हमने SL मॉडल को देखा और महसूस किया कि यह एक बेहतरीन आधार हो सकता है, जिस पर हम मेबैक संस्करण विकसित कर सकते हैं।”

वैश्विक बाजार में मेबैक की स्थिति

वर्तमान में चीन, अमेरिका और दक्षिण कोरिया मेबैक के लिए सबसे बड़े बाजारों में शामिल हैं। भारत में पेश किया गया SL 680 मोनोग्राम मेबैक मॉडल 4.2 करोड़ रुपये की कीमत पर लॉन्च किया गया है।

मर्सिडीज-बेंज ने भारत सहित कई अन्य बाजारों में “मेबैक लाउंज” नाम से विशेष ब्रांड स्पेस भी लॉन्च किए हैं। ये लाउंज भारत, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और मध्य पूर्व में उपलब्ध हैं, जहां ग्राहक ब्रांड की विशिष्टता का अनुभव कर सकते हैं।

टैरिफ बढ़ने की आशंका, मर्सिडीज की रणनीति तैयार

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अप्रैल से लागू किए जाने वाले पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariff) को लेकर कंपनी ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

डेनियल लेस्कोव ने कहा,
“हम एक बहुराष्ट्रीय कंपनी हैं और हमेशा बाजार की परिस्थितियों के अनुसार समाधान ढूंढते हैं। इसी सिद्धांत के साथ हम भविष्य में भी चुनौतियों का सामना करेंगे।”

भारतीय लग्जरी कार बाजार पर असर पड़ने की संभावना

मर्सिडीज-बेंज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ संतोश अय्यर का मानना है कि भारत में लग्जरी कार बाजार का विकास अल्पकालिक रूप से प्रभावित हो सकता है।

“अगर हम पूंजी बाजार और अन्य सेक्टरों को देखें तो मौजूदा माहौल थोड़ा दबाव में है, जिसका कारण वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं हैं। हालांकि, समग्र रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था या उपभोक्ता मांग में कोई बुनियादी समस्या नहीं दिखती। आने वाले एक-दो तिमाही में बाजार स्थिर या हल्की गिरावट का सामना कर सकता है, लेकिन उसके बाद विकास दर में सुधार होगा। पूरे साल के नजरिए से देखें तो बाजार या तो स्थिर रहेगा या पिछले वर्ष की तुलना में हल्की वृद्धि दिखा सकता है।”

महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहनों पर नया कर, मांग पर असर संभव

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में 30 लाख रुपये से अधिक की कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 6% कर लगाने की घोषणा की, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग प्रभावित हो सकती है।

इस पर संतोश अय्यर ने कहा,
“हमने देखा है कि जब भी किसी राज्य में कर बढ़ाया जाता है, तो मांग पर असर पड़ता है। हालांकि, पिछले तीन वर्षों में हमारे इलेक्ट्रिक वाहनों की बाजार हिस्सेदारी 2% से बढ़कर 6% हो गई है। ग्राहक अब इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से स्वीकार कर रहे हैं और बाजार में ज्यादा मॉडल उपलब्ध हो रहे हैं।”

भारत में मर्सिडीज-मेबैक की लोकप्रियता और लक्जरी कारों की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी का मानना है कि वह आने वाले वर्षों में देश में और मजबूत स्थिति बना सकती है।